मृत्यु के दुआर से वापस लाया – संत रामपाल जी की कृपा |





 

                                           मृत्यु के दुआर से वापस लाया – संत रामपाल जी की कृपा |


जीवन के हर मोड़ पर जखन कखनो व्यक्ति हार मानैत अछि त कोनो ने कोनो दिव्य शक्ति ओकरा फेर स उठबाक साहस दैत छैक | एहने एकटा अलौकिक कृपा मिथिलाक महिला सरोज देवी केँ तखन भेलनि जखन हुनकर जीवन मृत्युक द्वार पर पहुँचि गेल छलनि, मुदा एकटा सच्चा संत केर शरण कमाल करैत छल |

सरोज देवी मधुबनी जिलाक एकटा छोट सन गामक निवासी छलाह | कतेको मास धरि एकटा भयंकर बीमारी सँ ग्रसित छलीह । डाक्टर सब साफ-साफ कहने छलाह – "आब कोनो आशा नहि अछि |" घर मे शोकक माहौल छल। बच्चा सब कानि रहल छल, पति तबाह भ गेल छल। इलाज, औषधि, तंत्र-मंत्र – सब किछु आजमाओल गेल, मुदा कोनो असरि नहि भेल।

तखने एकटा पड़ोसी संत रामपाल जी महाराजक प्रवचनक गप्प केलनि आ एकटा पवित्र पुस्तक "ज्ञान गंगा" ल' क' आयल छलाह | सरोज देवीक बेटा अपन मायक पलंगक कात बैसि क' नित्य संत जीक प्रवचन सुनाबय लगलाह | पहिल बेर हुनकर घर मे सच्चा भक्ति के शब्द गुंजायमान होबय लागल – “राम नाम बिनु भाव नहि तराइ।”

एक दिन हुनका संत रामपाल जीक सतसंग वीडियो मे सुनबैत काल हुनकर बेटा कानय लागल – “हे भगवान, कृपया हमर माँ के बचाउ।”

ओही राति एकटा चमत्कार भेल।

कतेको दिनसँ बेहोश पड़ल सरोज देवी एकाएक आँखि खुजि गेलीह । ओ मंद स्वर मे बजलीह – “एकटा उज्जर वस्त्रधारी बाबा हमर हाथ पकड़ि बजलाह – ‘बेटी, अहाँक समय एखन धरि नहि आयल अछि, अहाँ जाउ, नाम ल’ क’ भक्ति करू।’”

सब आश्चर्यचकित भ गेल! अगिला किछु दिन मे ओ धीरे-धीरे ठीक होबय लगलीह। टेस्ट रिपोर्ट सामान्य होबय लागल। डाक्टर सब सेहो आश्चर्यचकित भ’ गेलाह – “ई त’ चमत्कार अछि!”

सरोज देवी तुरन्त नाम दीक्षा लऽ कऽ संत रामपाल जीक आश्रय मे आबि भक्ति शुरू केलनि । आइ ओ पूर्ण स्वस्थ छथि आ गाम मे भक्ति के उदाहरण बनि गेल छथि । हुनकर परिवार कहैत छथि – “हमरा लोकनि संत रामपाल जीक कृपा सँ मृत्यु केँ पराजित होइत देखलहुँ अछि।”

ई घटना खाली सरोज देवी के नै छै, लाखों एहन गवाही छै जे ई सिद्ध करै छै कि संत रामपाल जी महाराज खाली ज्ञानी संत नै छै, बल्कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहब के प्रत्यक्ष प्रतिनिधि छै ।

निष्कर्ष

जखन दुनियाँ पीठ फेरलक तखन सच्चा संत हमरा सभक संग देलनि। आइयो जँ कियो सच्चा हृदय सँ संत रामपाल जी महाराजक आश्रय मे आबि नामक शिक्षा ल' क' भक्ति करैत अछि तखन ओकर जीवन बदलि जाइत छैक – भले ओ मृत्युक दुआरि सँ घुरल हो ।


"भक्ति मे शक्ति होइत छैक, आ सच्चा संत के आश्रय मे परम शक्ति होइत छैक |"

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