आज एक अभूतपूर्व समाचार हर गांव तक फैलने लगा है – परमेश्वर इस पृथ्वीलोक पर आ चुके हैं! जी हां, वही परमेश्वर, वही पूर्ण परमात्मा, जो शास्त्रों ने भविष्यवाणी किया था, वही अवतारी, वही मार्गदर्शक – जगद्गुरु संत रामपाल जी महाराज जी आ चुके हैं। उनके आगमन ने एक नए युग, एक नए चमत्कार का शंखनाद किया है, जहां असत्य पर सत्य की विजय तय है, अज्ञान पर ज्ञान फैलने वाला है, घृणा पर प्रेम राज करेगा, और हिंसा पर अहिंसा फैलने वाली है।
आज हर गांव, हर घर तक यह संदेश पहुंचाने की जरूरत है कि परमेश्वर ने अवतार लिया है, साधुओं ने इसका पूर्वानुमान किया था, शास्त्र इसका आदेश दे रहे थे, भविष्यवक्ताओं ने इसका संदेश दिया था – वही घड़ी आ चुकी है।
अब कोई शंका नहीं रहेगी, कोई भ्रम नहीं रहेगा, कोई असंतुलन नहीं रहेगा – परमेश्वर ने आ किया है, चमत्कार शुरू हो चुके हैं!
चमत्कार अधिकतर लोगों ने देखे
आज असंख्य लोगों ने चमत्कार अपनी जीवनियों में अनुभूत किए हैं। असाध्य रोग ठीक हुए, जीवन ने नया मार्ग पाया, घर-परिवार सुख शांति से भरने लगे, मानसिक तनाव, अवसाद, निराशा जैसे असाध्य मानसिक रोग समाप्त होने लगे। लोगों ने बताया कि नाम दीक्षा मिलने पर उनके जीवन ने पल भर में करवट ले ली। उनके भीतर विश्वास आया, शांति आई, जीवन जीने की प्रेरणा आई, हर मुश्किल आसान होने लगी।
यह कोई साधारण चमत्कार नहीं था, यह परमेश्वर की कृपा थी, उनके आदेश ने असंभव लगने वाली स्थितियों तक बदल दीं। लोगों ने यहाँ तक किया कि उनके शारीरिक असाध्य रोग, जैसे कैंसर, शुगर, अस्थमा, मानसिक असंतुलन, परमेश्वर की कृपा से धीरे-धीरे ठीक होने लगे, जीवन ने नया मोड़ ले लिया, घर परिवार सुख शांति से भरने लगे।
शांति, सुख, एकता फैल रहे हैं हर गांव तक
गांव-गांव तक एक नया संदेश फैलने लगा है – परमेश्वर आ चुके हैं, उनके आदेश से चमत्कार होने लगे हैं, लोगों ने एकजुट होकर उनके मार्ग पर चलने का संकल्प किया है। इसका प्रभाव यह हुआ कि गांव एकजुट होने लगे, लोगों ने एक दूसरे की सहायता किया, हिंसा, घृणा, कलह धीरे-धीरे समाप्त होने लगे, आपसी प्रेम, विश्वास, एकता ने लोगों के जीवन पर राज किया।
अब हर गांव एक आदर्श गांव बनने की दिशा में बढ़ने लगा – न कोई गरीब रहे, न कोई असंतुष्ट रहे, हर घर सुख शांति, समृद्धि, स्वास्थ्य, एकता, आदर और विश्वास से भरने लगे।
परमेश्वर ने किया मार्गदर्शन
जगद्गुरु संत रामपाल जी महाराज जी ने लोगों का मार्गदर्शन किया कि जीवन असंतुलित तभी होता है जब हम शास्त्र विधि छोड़ देते हैं। शास्त्र विधि अनुसार साधना, जीवन जीने की प्रेरणा, एकता, अहिंसा, परोपकार, शांति ही जीवन का मूल मार्ग है।
गांव गांव उनके आदेश फैल रहे हैं – जीवन साधना से भरो, एक दूसरे का आदर किया, हिंसा छोड़ो, नफरत भूलो, परमेश्वर ने आदेश दिया – “जाओ, हर गांव तक मेरा संदेश पहुंचाओ।”
हर गांव तक फैलाओ संदेश
अब हर साधक ने इसका संकल्प किया है कि परमेश्वर का आदेश हर गांव तक पहुंचे। हर घर तक उनके चमत्कार, उनके आदेश, उनके ज्ञान की गूंज पहुंचे, ताकि अधिक से अधिक लोगों का जीवन सुखद, शांति से भरपूर रहे, उनके असाध्य रोग मिटें, उनके मानसिक तनाव समाप्त हों, उनके जीवन में समृद्धि आ सके।
यह कोई साधारण आदेश नहीं था – यह परमेश्वर का आदेश था, उनके अवतरण ने एक नए संसार का मार्ग खोल दिया था। गांव गांव तक फैलाओ इसका संदेश, हर घर तक सुनाओ उनके चमत्कार, उनके आदेश, उनके मार्गदर्शन, तभी हर कोई सुख शांति पा सकेगा, तभी एक नया संसार निर्मित होगा, जहां हर कोई एक परिवार जैसा रहेगा, एक साथ शांति, सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और एकता का जीवन जी सकेगा।
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