आज का जीवन असंतुलित, असंतुष्ट और तनावपूर्ण होता जा रहा है। हर व्यक्ति सुख, शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि चाहता है, परन्तु इसका असली मार्ग नहीं जानता। इसका मुख्य कारण यह है कि लोगों ने असली ज्ञान से मुंह मोड़ लिया है। जीवन जीने की असली प्रेरणा, साधना मार्ग, मोक्ष, परमेश्वर कौन है, जीवन-मरण, सुख-दुख – इन सभी प्रश्नों का समाधान “ज्ञान गंगा” नामक ग्रंथ ने किया है, जो जगत्गुरु संत रामपाल जी महाराज जी ने दिया है।
“ज्ञान गंगा” कोई साधारण पुस्तक नहीं है; इसका ज्ञान शास्त्रों पर आधारित है, साधुओं-संतों ने इसका समर्थन किया है, इसका मार्ग पूर्ण रूप से शास्त्रसम्मत है। इसका आदेश कोई नया या काल्पनिक नहीं, बल्क़ि वही शाश्वत आदेश है जो वेद, शास्त्र, पुराण, भगवद् गीता सहित सभी धर्म ग्रंथों ने दिया था। इसका मुख्य संदेश एक ही है – परमेश्वर एक ही है, वही सर्वोपरि शक्ति है, वही सृष्टि का पालनहार, पालनकर्ता और संहारक है।
आज हर कोई जीवन जीने की असली विधि भूल गया है। लोगों ने बाहरी चकाचौंध, धन, पद, प्रतिष्ठा इत्यादि ही जीवन का लक्ष्य बना रखा है, जबकि असली लक्ष्य परमेश्वर की शरण ग्रहण करना, साधना मार्ग अपनाकर जीवन-मरण, सुख-दुख, बुढ़ापे, रोग इत्यादि चक्र से बाहर निकलने का है। “ज्ञान गंगा” इसका मार्ग दर्शाती है।
जगत्गुरु संत रामपाल जी महाराज जी ने शास्त्राधारित साधना विधि “ज्ञान गंगा” ग्रंथ के माध्यम से लोगों तक पहुंचाई है। इसका आदेश शास्त्रसम्मत है, इसका मार्ग साधुओं ने अपनाकर परमेश्वर की अनुभूति किया। इसका मुख्य संदेश यह है कि परमेश्वर कोई निराकर या निर्गुण मात्र नहीं, बल्क़ि साकार परमेश्वर हैं, जो शाश्वत स्थान सतलोक में निवास करता है, वही असली घर है हर आत्मा का, जहां कोई शोक, असंतोष या दर्द नहीं है।
आज अधिकतर लोगों ने जीवन जीने की असली प्रेरणा खो दी है, उनके जीवन का लक्ष्य मात्र सांसारिक सुख तक ही सिमट गया है, जबकि जीवन अनमोल है, इसका लक्ष्य परमेश्वर की शरण ग्रहण करना, साधना मार्ग अपनाकर मोक्ष पाना होना चाहिए। “ज्ञान गंगा” इसका मार्ग आसान हिंदी भाषा में दर्शाती है, शास्त्रों, साधुओं, ऋषियों की वाणियों से इसका समर्थन किया हुआ है।
यदि कोई साधक इसका आदेश जीवन में अपनाकर साधना करता है, परमेश्वर पर विश्वास करता है, उनके आदेश अनुसार जीवन जीता है, तभी जीवन सुखद होगा, शांति रहेगी, मानसिक तनाव समाप्त होगा, घर परिवार सुख शांति से भर जाएगा, स्वास्थ्य सुधार होगा, रोग कट जाएंगे, दरिद्रता मिटेगी, और एक नया जीवन प्रारंभ होगा।
संक्षिप्त रूप से कहें, “ज्ञान गंगा” एक मार्गदर्शक ग्रंथ है, जो जीवन जीने की असली प्रेरणा देता है, साधना मार्ग दिखाकर साधक का कल्याण करता है, मोक्ष प्रदान करता है, परमेश्वर की अनुभूति करवाता है। इसका आदेश शाश्वत है, इसका मार्ग साधुओं ने अपनाकर जीवन सफल किया, वही मार्ग “ज्ञान गंगा” ने हम सभी के लिए रखा हुआ है।
यदि हम इसका मार्ग अपनाकर साधना करेंगे, जीवन शुद्ध होगा, मानसिक शांति रहेगी, परमेश्वर की कृपा अनुभूत होने लगेगी, जीवन अधिक अर्थपूर्ण होगा, सुख, शांति, समृद्धि और मोक्ष – यह सभी एक साथ मिलने लगेंगे।
आज हर साधक, हर व्यक्ति, हर परिवार, हर समाज तक “ज्ञान गंगा” पहुंचने की जरूरत है, तभी जीवन सफल होगा, साधना पूर्ण होगी, मोक्ष सुनिश्चित होगा। “ज्ञान गंगा” ही जीवन जीने की असली प्रेरणा, साधना मार्ग और परमेश्वर तक पहुंचने की चाबी है, जैसा कि जगत्गुरु संत रामपाल जी महाराज जी ने इसका मार्ग दिया है।
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