वक्त निकालकर मुझे पढ़ लिया करो मैं जीने की राह हूं मेरा पास सारे इंसानों की परेशानियों का हल है जो किसी और के पास नहीं संत रामपाल जी महाराज द्वारा मार्गदर्शन

 


आज हर व्यक्ति समस्याओं से घिरा हुआ है — कोई मानसिक तनाव से जूझ रहा है, कोई शारीरिक तकलीफ से, कोई बेरोजगारी या गरीबी से, कोई संबंधों की मुश्किलों से… जीवन मुश्किल लगने लगा है, हर तरफ असंतुलन फैलता हुआ नजर आ रहा है।
ऐसे मुश्किल भरे जीवन में एक मार्गदर्शक ही हमें सही दिशा दिखा सकता है — वही मार्गदर्शक हैं जगद्गुरु संत रामपाल जी महाराज। उनके मार्ग पर चलते ही जीवन आसान होने लगाता है, समस्याएँ एक-एक कर समाप्त होने लगती हैं।

आज हर कोई सुख शांति चाहता है, जीवन जीने का असली अर्थ खोजना चाहता है, पर अधिकतर लोगों ने इसका मार्ग ही भूल दिया है। लोगों ने बाहरी साधनों, भोग-विलास, धन-संपत्ति या संबंधों में सुख ढूंढने की चेष्टा किया, पर इसका कोई स्थाई समाधान नहीं आया। इसका मुख्य कारण यह है कि जीवन जीने की असली प्रेरणा हमें शास्त्रों ने दी थी, पर हम शास्त्र मार्ग छोड़ चुके हैं।

जगद्गुरु संत रामपाल जी महाराज वही मार्ग बता रहे हैं — शास्त्रों ने जैसा आदेश दिया, वही साधना अपनाओ, तभी जीवन सुखद होगा। उनके आदेशानुसार साधना वही स्वीकार्य है जो शास्त्र अनुसार है, उदाहरणार्थ — साधना साधु-संत या पुरोहित की मनगढ़ंत विधियों या परंपरा पर आधारित नहीं होना चाहिए, अपितु शास्त्र आदेश पर ही होना चाहिए।

कबीर जी ने भी इसका समर्थन किया —
“गुरु गोविंद दोउ खड़े, किसको लागूं पांव।
बलिहारी गुरु आप ने, गोविंद दिया दिखाओ।”

इसका अर्थ यह है कि असली साधु वही है जो परमेश्वर तक पहुंचने का मार्ग बता सके — वही मार्ग, जो शास्त्रों ने दिया।

जगद्गुरु संत रामपाल जी महाराज शास्त्रों — वेद, गीता, पुराण — सभी का गहन ज्ञान रखते हैं, उनके आदेश शास्त्र अनुकूल ही होते हैं। उनके मार्गदर्शन ने असंख्य लोगों का जीवन बदल दिया — नशे से मुक्ति, मानसिक शांति, स्वास्थ्य सुधार, संबंध सुधार, सुख समृद्धि… हर समस्या का समाधान उनके ज्ञान ने किया।

यदि हम उनके मार्ग पर चलते हैं, शास्त्र आदेश अनुसार साधना अपनाकर जीवन जीने लगें, तभी हम जीवन का असली सुख पा सकेंगे — वही सुख, शांति, मोक्ष, जिसके लिए हर आत्मा प्रयासरत रहती है।

आज जरूरत है थोड़ा वक़्त निकालने की, उनके ज्ञान, उनके आदेशों, उनके मार्गदर्शन पर विचार किया जाये। एक बार उनके शिष्य होकर साधना अपनाकर देखो — जीवन बदलने लगेगा, मानसिक शांति मिलने लगेगी, स्वास्थ्य सुधार होगा, संबंध मधुर होने लगेंगें, समस्याएँ धीरे-धीरें समाप्त होती जायेंगी।

संक्षिप्त रूप से कहें, जीवन जीने का असली मार्ग शास्त्र अनुकूल साधना ही है, वही साधना जो एक पूर्ण संत बता सकता है। जगद्गुरु संत रामपाल जी महाराज वही पूर्ण मार्गदर्शक हैं, जो शास्त्र आदेश पर साधना करवाकर जीवन सुखद, शांति पूर्ण, स्वास्थ्यवान, समृद्धिपूर्ण बना रहे हैं।

यदि हम उनके आदेश का पालन नहीं करेंगे, शास्त्र मार्ग अपनाने की चेष्टा नहीं करेंगे, तो जीवन असंतुलित ही रहेगा, समस्याएँ घेरेंगी, शांति नहीं रहेगी।

अब तय आपको करना है — जीवन समस्याओं से घिरा रहे या शांति, सुख, समृद्धि, मोक्ष की दिशा तय करे। थोड़ा वक़्त उनके ज्ञान पर लगाने की जरूरत है, उनके आदेशों का पालन जीवन में अपनाकर देखने की जरूरत है — तभी असली सुख, असली शांति, असली जीवन जीने का मार्ग मिलेगा।


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