आज के इस भौतिक युग में बीमारियाँ तेज़ी से बढ़ रही हैं। हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ और हार्ट फेल जैसी गंभीर समस्याएँ आम हो गई हैं। अस्पतालों में इलाज के लिए लंबी लाइनें हैं, लेकिन फिर भी कई बार दवा और डॉक्टर भी हार मान जाते हैं। ऐसे ही एक मामले में, जब डॉक्टरों ने उम्मीद छोड़ दी, तब "राम नाम" ने चमत्कारी रूप से जीवन बचाया।
एक व्यक्ति को अचानक सीने में तेज दर्द हुआ। परिवार वालों ने उसे अस्पताल पहुँचाया, जाँच में सामने आया कि उसका हार्ट 80% तक फेल हो चुका था। डॉक्टरों ने ICU में भर्ती कर इलाज शुरू किया, पर उन्होंने साफ कह दिया – “अब चमत्कार ही कुछ कर सकता है।” यह सुनते ही परिवार गहरे सदमे में आ गया। पर उसी समय किसी ने उन्हें सलाह दी – “राम नाम का सुमिरन करो, वो ही आखिरी सहारा है।”
परिवार ने तुरंत संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिए गए नामदीक्षा मन्त्रों का जाप शुरू किया और मरीज के कान में भी लगातार राम नाम की ध्वनि पहुँचाई गई। आश्चर्यजनक रूप से अगले ही दिन मरीज की हालत में सुधार आने लगा। डॉक्टर भी हैरान थे – जिसे वे मृतप्राय मान चुके थे, वह व्यक्ति धीरे-धीरे सामान्य होने लगा। कुछ ही दिनों में वह ICU से बाहर आया और चलने-फिरने लगा।
यह कोई अकेला मामला नहीं है। हजारों लोग गवाही देते हैं कि जब मेडिकल साइंस ने जवाब दे दिया, तब राम नाम ने उन्हें जीवनदान दिया। लेकिन यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है कि केवल “राम-राम” कहने से नहीं, बल्कि एक पूर्ण संत से विधिपूर्वक नामदीक्षा लेकर किया गया सुमिरन ही प्रभावशाली होता है। संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि “राम” शब्द परमेश्वर कबीर साहेब का सूचक है, और उनकी भक्ति ही सच्ची भक्ति है जो जन्म-मरण और बीमारियों से मुक्ति देती है।
विज्ञान जहाँ इलाज में दवा खोजता है, वहीं अध्यात्म कहता है – “भक्ति सबसे बड़ी चिकित्सा है।” शरीर नश्वर है, पर आत्मा अमर है। जो आत्मा सच्चे नाम की शक्ति से जुड़ती है, उसे कोई भी रोग छू नहीं सकता। इसीलिए जब जीवन की डोर टूटने लगे, तब डॉक्टरों के साथ-साथ सच्चे राम नाम का भी सहारा लेना चाहिए।
निष्कर्ष:
जब जीवन थमने लगे और विज्ञान भी हाथ खड़े कर दे, तब “राम नाम” ही एकमात्र सच्चा सहारा बनता है। संत रामपाल जी महाराज जैसे पूर्ण गुरु की शरण में जाकर यदि विधिपूर्वक नाम दीक्षा लेकर सुमिरन किया जाए, तो हार्ट फेल जैसी गंभीर बीमारियाँ भी केवल भक्ति से ठीक हो सकती हैं। यह अनुभव अब लाखों लोगों का सत्य बन चुका है – “राम नाम है सच्चा सहारा, जीवन का असली दाता।”
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