और ज्ञान सब ज्ञानड़ी, कबीर ज्ञान सो ज्ञान। जैसे गोला तोप का, करता चले मैदान



मानव इतिहास में ज्ञान की खोज निरंतर रही है। प्राचीन ऋषियों से लेकर आधुनिक विचारकों तक, हर युग में लोग सत्य और ज्ञान की तलाश करते रहे हैं। लेकिन असंख्य ज्ञान की धाराओं के बीच एक ऐसा सागर है जो सब पर श्रेष्ठ है—वह है कबीर का परम ज्ञान।

कबीर का यह दोहा “और ज्ञान सब ज्ञानड़ी, कबीर ज्ञान सो ज्ञान। जैसे गोला तोप का, करता चले मैदान।।“ इस सत्य को प्रकट करता है कि संसार का सारा ज्ञान सीमित है, परंतु कबीर का ज्ञान ही सच्चा ज्ञान है। यह ज्ञान तोप के गोले की तरह है, जो मैदान में आते ही सब कुछ साफ कर देता है।

यह लेख कबीर के ज्ञान की गहराई, उसकी आधुनिक जीवन में प्रासंगिकता और उसके परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डालता है।


सांसारिक ज्ञान की सीमाएँ

संसार में विज्ञान, साहित्य, दर्शन और तकनीक जैसे अनेक ज्ञान के क्षेत्र हैं। इनसे मानव जीवन में सुविधा और प्रगति आई है, लेकिन इनकी सीमाएँ स्पष्ट हैं।

  1. क्षणिक लाभ – विज्ञान जीवन को आरामदायक बनाता है, पर मृत्यु को नहीं रोक सकता।
  2. भौतिक केंद्रित – अधिकांश ज्ञान केवल शरीर और भौतिक संसार तक सीमित है।
  3. खंडित समझ – अलग-अलग विषय आंशिक सत्य बताते हैं, पूर्ण सत्य नहीं।
  4. मोक्ष का अभाव – कोई भी सांसारिक ज्ञान आत्मा को जन्म-मरण के चक्र से मुक्त नहीं कर सकता।

इसलिए यह ज्ञान उपयोगी तो है, परंतु जीवन के गहरे प्रश्नों का उत्तर नहीं देता: मैं कौन हूँ? जीवन का उद्देश्य क्या है? मृत्यु के बाद क्या होगा?


कबीर का परम ज्ञान

कबीर का ज्ञान मानव निर्मित नहीं, बल्कि दिव्य प्रकट है। यह ज्ञान आत्मा और परमात्मा के शाश्वत सत्य को उजागर करता है।

  • यह बताता है कि परमात्मा कौन है।
  • यह सच्चे भक्ति मार्ग को प्रकट करता है।
  • यह अंधविश्वास और झूठे आडंबरों को निरर्थक सिद्ध करता है।
  • यह सभी मनुष्यों की समानता पर बल देता है।
  • यह मोक्ष का मार्ग दिखाता है।

इसीलिए कबीर का ज्ञान सच्चा ज्ञान कहलाता है। यह समय, संस्कृति और भौगोलिक सीमाओं से परे है।


तोप के गोले का रूपक

कबीर अपने ज्ञान की तुलना तोप के गोले से करते हैं। यह रूपक अत्यंत गहरा है:

  1. अविराम शक्ति – जैसे तोप का गोला सब कुछ नष्ट कर देता है, वैसे ही कबीर का ज्ञान अज्ञान और पाखंड को मिटा देता है।
  2. निर्भीक प्रहार – तोप का गोला निडरता से वार करता है, वैसे ही कबीर का ज्ञान झूठी परंपराओं को चुनौती देता है।
  3. पूर्ण विजय – युद्ध में तोप का गोला जीत दिलाता है, वैसे ही कबीर का ज्ञान आत्मा को जन्म-मरण से मुक्त करता है।
  4. सार्वभौमिक प्रभाव – तोप का गोला पूरे मैदान को प्रभावित करता है, वैसे ही कबीर का ज्ञान पूरी मानवता को प्रभावित करता है।

कबीर का सच्चा भक्ति मार्ग

कबीर ने दिखाया कि केवल कर्मकांड और आडंबर से मुक्ति नहीं मिलती। उन्होंने सिखाया कि:

  • तीर्थयात्रा, व्रत और मूर्ति पूजा से मोक्ष नहीं मिलता।
  • सच्ची भक्ति शास्त्रों के अनुसार होनी चाहिए।
  • परमात्मा अजन्मा और अमर है, केवल उसकी भक्ति से मुक्ति संभव है।
  • सच्चे गुरु (सतगुरु) के बिना आत्मा परमात्मा से नहीं जुड़ सकती।

उनकी वाणी सरल है, परंतु उसमें गहन सत्य छिपा है।


आधुनिक युग में प्रासंगिकता

आज विज्ञान और तकनीक के युग में भी कबीर का ज्ञान अत्यंत प्रासंगिक है।

  1. तनाव और चिंता के लिए – उनका ज्ञान मन को शांति देता है।
  2. सामाजिक विभाजन के लिए – उनकी समानता की शिक्षा जाति और धर्म की दीवारें तोड़ती है।
  3. पर्यावरण संकट के लिए – उनकी सादगी और प्रकृति संग जीवन की शिक्षा टिकाऊ जीवनशैली सिखाती है।
  4. आध्यात्मिक शून्यता के लिए – उनका ज्ञान भौतिकवाद से उत्पन्न खालीपन को भरता है।

जीवन में परिवर्तन

कबीर के ज्ञान को अपनाने से असंख्य लोगों का जीवन बदला है।

  • नशे और बुरी आदतें छूट गईं।
  • टूटे हुए परिवारों में प्रेम और शांति आई।
  • जाति और धर्म से बँटे लोग एक हो गए।
  • जीवन का उद्देश्य स्पष्ट हो गया।

यह प्रमाण है कि कबीर का ज्ञान केवल सिद्धांत नहीं, बल्कि व्यावहारिक है।


सतगुरु की आवश्यकता

कबीर ने कहा कि सच्चा ज्ञान केवल सतगुरु से ही मिलता है। जैसे तोप को चलाने के लिए कुशल सैनिक चाहिए, वैसे ही कबीर के ज्ञान को समझने और अपनाने के लिए सच्चे गुरु की आवश्यकता है।

सतगुरु:

  • सही भक्ति विधि बताते हैं।
  • शास्त्रों के गूढ़ रहस्यों को समझाते हैं।
  • शिष्य को मोक्ष के मार्ग पर ले जाते हैं।
  • अपने जीवन से आदर्श प्रस्तुत करते हैं।

कबीर का ज्ञान विश्वभर में

आज कबीर की वाणी पूरी दुनिया में फैल रही है। उनके दोहे अनेक भाषाओं में अनुवादित हो चुके हैं।

  • पश्चिम में लोग उनके शब्दों में आध्यात्मिकता और जीवन का संतुलन पाते हैं।
  • पूर्व में उनकी वाणी भक्ति की खोई हुई आत्मा को पुनर्जीवित करती है।
  • पूरी दुनिया में उनका संदेश जाति और धर्म से ऊपर उठकर लोगों को जोड़ता है।

क्यों कबीर का ज्ञान सर्वोच्च है

कबीर का ज्ञान सर्वोच्च है क्योंकि:

  • यह परमात्मा की पहचान कराता है।
  • यह सच्ची भक्ति विधि बताता है।
  • यह आत्मा को जन्म-मरण से मुक्त करता है।
  • यह मानवता को समानता और करुणा में जोड़ता है।
  • यह जीवन को व्यावहारिक रूप से बदल देता है।

निष्कर्ष

कबीर का यह दोहा “और ज्ञान सब ज्ञानड़ी, कबीर ज्ञान सो ज्ञान। जैसे गोला तोप का, करता चले मैदान।।“ केवल कविता नहीं, बल्कि सत्य की उद्घोषणा है। यह बताता है कि सांसारिक ज्ञान सीमित है, पर कबीर का ज्ञान अज्ञान और पाखंड को मिटाकर आत्मा को मुक्ति दिलाता है।

आज जब दुनिया भ्रम, संघर्ष और दुख से भरी है, कबीर का ज्ञान आशा की किरण है। यह जीवन के मैदान को साफ कर आत्मा को शांति और मोक्ष की ओर ले जाता है।

सचमुच, कबीर का ज्ञान ही परम ज्ञान है—सत्य का वह तोप का गोला जो सब पर विजय पाता है।

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