प्रस्तावना
आज मानवता कई आपदाओं का सामना कर रही है — आग लगने की घटनाएँ, भूकंप, महामारी, बाढ़, युद्ध और आत्महत्या जैसे संकट हमारे चारों ओर बढ़ते जा रहे हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन सबका स्थायी समाधान क्या है? विज्ञान भी अब जवाब नहीं दे पा रहा। लेकिन एक संत हैं जो न केवल इसका समाधान बता रहे हैं, बल्कि उसे सिद्ध भी कर रहे हैं — वह हैं संत रामपाल जी महाराज।
भौतिक तरक्की, लेकिन आत्मिक पतन
आधुनिक युग में विज्ञान और तकनीक ने मानव जीवन को सुविधाजनक तो बना दिया, लेकिन मानसिक तनाव, लालच, ईर्ष्या, नफरत और आत्मघाती प्रवृत्तियों ने जीवन को नर्क बना दिया है। बड़ी-बड़ी इमारतें बन गईं, लेकिन रिश्ते और मूल्य धराशायी हो गए। आग से झुलसी इमारतें केवल एक प्रतीक हैं – यह दर्शाती हैं कि इंसान ने जो बनाया, वह क्षण में राख हो सकता है।
क्यों घट रही हैं आपदाएं?
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पाप बढ़ने से प्रकृति भी क्रोधित हो जाती है।
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असत्य साधना और नकली गुरुओं की पूजा के कारण विपत्तियाँ आती हैं।
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परमात्मा को न पहचान पाने के कारण मनुष्य गलत रास्ते पर चल रहा है।
कौन हैं संत रामपाल जी महाराज?
संत रामपाल जी महाराज कोई साधारण संत नहीं हैं। वे वेदों, गीता, कुरान, बाइबल और अन्य पवित्र ग्रंथों के आधार पर सिद्ध करते हैं कि इस सृष्टि के रचयिता कोई और नहीं बल्कि परमेश्वर कबीर जी हैं।
उनकी खास बातें:
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उन्होंने सिद्ध किया कि केवल एक ही परमात्मा है — कबीर साहेब।
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उन्होंने यह बताया कि गीता अध्याय 4 श्लोक 34 में जिस तत्वदर्शी संत का उल्लेख है, वही तत्वदर्शी संत वे स्वयं हैं।
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उनका लक्ष्य केवल धर्म नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानवता का उद्धार करना है।
आग, बीमारी और मौत से कैसे बचें?
जैसे इस चित्र में दिख रहा है — एक इमारत जल रही है, लोग रो रहे हैं, जान-माल का नुकसान हो रहा है। क्या यह सिर्फ एक दुर्घटना है? या कोई चेतावनी?
संत रामपाल जी महाराज कहते हैं कि:
"जो जीव वास्तविक परमात्मा की भक्ति नहीं करता, वह आपदाओं में फँस जाता है।"
उनके द्वारा बताए गए उपाय:
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सच्चे नाम की दीक्षा लें।
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पवित्र जीवन व्यतीत करें – मांस, शराब, तंबाकू, चोरी, व्यभिचार आदि का त्याग करें।
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प्रतिदिन भक्ति करें — निश्चित समय पर।
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संत द्वारा बताई गई सेवा करें — जैसे पुस्तक सेवा, प्रचार सेवा।
कैसे बदलती है ज़िंदगी?
हज़ारों लोग गवाही दे चुके हैं कि संत रामपाल जी महाराज से दीक्षा लेने के बाद:
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असाध्य बीमारियाँ ठीक हो गईं।
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आत्महत्या के विचार दूर हो गए।
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दुर्घटनाओं से चमत्कारिक बचाव हुआ।
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पारिवारिक सुख-शांति लौटी।
एक उदाहरण: आग से चमत्कारिक बचाव
हरियाणा के एक अनुयायी के घर में अचानक आग लग गई। पूरा घर जल गया, लेकिन जिस कमरे में "ज्ञान गंगा" पुस्तक और नाम जप चल रहा था, वह सुरक्षित रहा। यह केवल संयोग नहीं, बल्कि परमात्मा की कृपा थी।
क्या कहता है विज्ञान?
विज्ञान कहता है — “प्राकृतिक आपदाएं रोकी नहीं जा सकतीं।” लेकिन संत रामपाल जी महाराज कहते हैं — “सच्ची भक्ति से टल सकती हैं।”
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विज्ञान केवल इलाज देता है, लेकिन संत रामपाल जी जीने का सही तरीका सिखाते हैं।
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वे बताते हैं कि मनुष्य का शरीर केवल भोग के लिए नहीं, बल्कि मोक्ष पाने के लिए है।
अंत समय में कौन बचा सकता है?
आपने देखा होगा कि जब आग लगती है, तो किसी की कोई मदद नहीं कर पाता। लेकिन जो नाम संत रामपाल जी से लिया होता है, वही अंत समय में सहायता करता है। मृत्यु के समय सिर्फ सतनाम और सारनाम ही साथ जाते हैं।
मुफ्त ज्ञान – सबके लिए
संत रामपाल जी महाराज की कृपा से कोई भी इंसान, किसी भी जाति, धर्म, देश से हो, इस ज्ञान को मुफ्त में पा सकता है। वे न तो कोई फीस लेते हैं, न चढ़ावा। उनका एक ही उद्देश्य है – "हर आत्मा का उद्धार।"
उनकी प्रमुख पुस्तकें:
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ज्ञान गंगा
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जीवन्मुक्ति
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सच्ची रामायण
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गर्भाधान संस्कार
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धर्म की सच्चाई
निष्कर्ष
आज अगर आप सुरक्षित रहना चाहते हैं, तो केवल सुरक्षा उपकरण नहीं, परमात्मा की सुरक्षा ज़रूरी है। संत रामपाल जी महाराज वह माध्यम हैं जो आपको परमेश्वर तक ले जाते हैं।
जिस तरह आग बुझाने के लिए दमकल कर्मी आते हैं, वैसे ही आत्मा की आग बुझाने के लिए सच्चे गुरु की आवश्यकता होती है। संत रामपाल जी महाराज वही तत्वदर्शी संत हैं, जो न केवल ज्ञान देते हैं, बल्कि विपत्तियों से बचाते भी हैं।
संदेश
👉 अगर आप अपने जीवन में शांति, सुरक्षा और मोक्ष चाहते हैं तो अभी संत रामपाल जी महाराज से जुड़िए।
📖 "ज्ञान गंगा" पुस्तक अवश्य पढ़ें।
🛡️ अगली विपत्ति से पहले सच्चे नाम की शरण में आ जाइए।
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