✨ प्रस्तावना
दुनिया में हर कोई मौत से डरता है। चाहे वह अमीर हो या गरीब, डॉक्टर हो या मरीज, मंत्री हो या मजदूर — मृत्यु का भय सभी के मन में रहता है। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी की मौत टल गई हो केवल एक संत की कृपा से? ऐसा असंभव लगता है, परंतु यह सतगुरु रामपाल जी महाराज के सत्संगों और नामदीक्षा से प्रमाणित सत्य है। यह लेख उन असंख्य चमत्कारों और अनुभवों की गवाही है, जहाँ "मौत टली – गुरु से।"
🔍 मौत और मनुष्य की असहायता
मनुष्य चाहे जितना भी शक्तिशाली बन जाए, चाहे चिकित्सा विज्ञान कितनी भी तरक्की कर ले, पर मौत के आगे सब बेबस हैं। जब डॉक्टर जवाब दे देते हैं, मशीनें बंद हो जाती हैं, और परिवार रोने लगता है — तब कोई भी नहीं बचा सकता… सिवाय एक सतगुरु के। संत रामपाल जी महाराज बताते हैं:
"जहाँ डॉक्टर और दवा हार जाती है, वहाँ सच्चे नाम की दवा काम करती है।"
📜 शास्त्रों से प्रमाण
ऋग्वेद, यजुर्वेद, गीता और अन्य ग्रंथों में स्पष्ट है कि सच्चा नाम और सतगुरु की शरण मृत्यु को भी टाल सकती है।
📖 श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 18 श्लोक 66 में भगवान स्वयं कहते हैं:
“सर्वधर्मान् परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज। अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः॥”
अर्थात – "हे अर्जुन! तू सब प्रकार के धर्मों को त्यागकर, केवल मेरी शरण में आ जा, मैं तुझे सभी पापों से मुक्त कर दूँगा।"
इसका मतलब है – केवल शरणगति ही मोक्ष और जीवनदायक उपाय है।
🙏 सतगुरु की शरण से मृत्यु पर विजय
संत रामपाल जी महाराज ने सच्चे भक्तों को वेदों और शास्त्रों अनुसार नामदीक्षा दी है, जिससे उनके जीवन में असंभव भी संभव हो गया। अनेक गवाहियाँ मिलती हैं जहाँ लोगों की एक्सपायरी डेट डॉक्टर ने घोषित कर दी थी, पर नाम जपने से और गुरुजी की कृपा से वह फिर से जी उठे।
👨⚕️ उदाहरण: जब डॉक्टर हार गए
मामला 1:
एक महिला को हार्ट अटैक के बाद ICU में भर्ती किया गया। डॉक्टर ने कहा – “अब कोई उम्मीद नहीं।” परिवार रोने लगा। लेकिन वह महिला नाम जपती रही:
"ओम् तत् सत् नाम।"
अगली सुबह चमत्कार हुआ – ECG नॉर्मल, BP कंट्रोल, सांसें स्थिर। डॉक्टर हैरान –
“ऐसा तो कभी नहीं हुआ।”
मामला 2:
एक युवक सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल हुआ। ब्रेन हैमरेज था, शरीर अकड़ा हुआ, डॉक्टर ने कह दिया – “72 घंटे हैं बस।”
माँ ने रोते हुए संत रामपाल जी महाराज की तस्वीर पर जल चढ़ाया और नाम जपना शुरू किया।
तीसरे दिन वह युवक ICU से बाहर आया, होश में था, और बोला:
“मुझे बाबा जी ने उठाया।”
🌠 सच्चा नाम – अमोघ औषधि
संत रामपाल जी महाराज ने बताया है कि:
“सतभक्ति वह औषधि है जो मृत्यु को भी मात दे सकती है।”
नाम जप का तरीका, केवल गुरु से दीक्षा लेकर ही पूर्ण प्रभाव में आता है। यह कोई सामान्य मंत्र नहीं, बल्कि मोक्षदायक, चमत्कारी, और शास्त्र-सम्मत उपाय है।
🧘 मृत्यु के भय से मुक्ति
आज का मनुष्य अपने भविष्य को लेकर चिंतित रहता है – बीमारी, सड़क दुर्घटना, अचानक मृत्यु – यह सब जीवन का हिस्सा है। लेकिन जिसने सच्चे संत से नाम लिया है, वह इस डर से मुक्त हो जाता है। उसे पता होता है:
“मेरा गुरु मेरी रक्षा करेगा, मृत्यु भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती।”
🕉️ गुरु की कृपा = नई ज़िंदगी
ऐसे हजारों उदाहरण हैं जहाँ संत रामपाल जी महाराज की कृपा से लोगों को नया जीवन मिला। कभी कैंसर से, कभी लकवे से, कभी एक्सीडेंट से – यह कोई झूठ नहीं, प्रमाणित और डॉक्यूमेंटेड अनुभव हैं, जो उनके सत्संग में रोज़ सुनने को मिलते हैं।
🛑 मृत्यु से पहले जागो
संत रामपाल जी महाराज चेताते हैं:
“जब तक समय है, नाम ले लो। जब प्राण निकले, तब हाथ मलोगे।”
आज यदि आपके पास शरीर है, चेतना है, तो आप भी इस चमत्कारी ज्ञान से जुड़ सकते हैं। नहीं तो जब समय निकल गया, तब पछताना व्यर्थ होगा।
📢 क्या करें?
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Sant Rampal Ji Maharaj YouTube चैनल पर सत्संग सुनें।
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Official Website: JagatGuruRampalJi.org
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Free Online Naam Diksha के लिए पंजीकरण करें।
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सतगुरु से जुड़ें और नाम जप शुरू करें।
🔚 निष्कर्ष
“मौत टली – गुरु से” कोई कल्पना नहीं, यह उन लाखों भक्तों का अनुभव है जिन्होंने संत रामपाल जी महाराज से दीक्षा ली और चमत्कारों को अपनी आंखों से देखा। जब दुनिया छोड़ देती है, तब गुरु पकड़ते हैं। जब सब हार जाते हैं, तब गुरु जीत दिलाते हैं।
👉 आज ही जुड़िए उस परमात्मा से जो संत रामपाल जी महाराज के रूप में साक्षात पृथ्वी पर आए हैं।
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