आज के समय में डिप्रेशन (अवसाद) एक आम लेकिन खतरनाक मानसिक बीमारी बन चुका है। जब मन निराशा, चिंता और हताशा के अंधेरे में फंस जाता है, तो व्यक्ति खुद को अकेला, बेकार और टूटा हुआ महसूस करता है। लाखों लोग इस मानसिक पीड़ा से जूझ रहे हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इसका असली इलाज डॉक्टर की दवा नहीं, बल्कि सच्चा सत्संग है।
एक युवक जो 5 साल से डिप्रेशन का शिकार था। मन में नकारात्मक विचार, आत्महत्या की प्रवृत्ति, और किसी चीज़ में रुचि नहीं थी। दवा, काउंसलिंग, योग सब किया, लेकिन केवल अस्थायी राहत मिलती थी। तभी किसी परिचित ने उसे संत रामपाल जी महाराज जी का सत्संग सुनने की सलाह दी।
वह जीवन में पहली बार किसी संत का सत्संग सुनने गया। सत्संग में जैसे-जैसे वह परमात्मा कबीर साहेब की वास्तविकता, सृष्टि रचना, और आत्मा का उद्देश्य सुनता गया — वैसे-वैसे उसके अंदर की निराशा दूर होती गई। सतगुरु ने बताया कि डिप्रेशन का असली कारण है– गलत पूजा पद्धति, अधूरी जानकारी, और मोह-माया में उलझा जीवन।
सत्संग के बाद उसने नामदीक्षा ली, और संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा बताए गए नियमों का पालन शुरू किया। आश्चर्य की बात यह थी कि केवल 1 सत्संग के प्रभाव से ही उसके जीवन में आशा की किरण आ गई थी। अब वह हर दिन सेवा करता, नाम जप करता और सत्संग सुनता।
3 महीने के अंदर उसका चेहरा खिल गया, मन शांत हो गया और वह फिर से जीवन से प्रेम करने लगा।
अब वह दूसरों को भी यही कहता है —
“डिप्रेशन कोई बीमारी नहीं, यह आत्मा का मार्ग भटकने का संकेत है। और इसका इलाज है – सच्चे संत का सत्संग।”
📖 समाधान क्या है?
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सतगुरु से नाम दीक्षा लें।
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नियमों का पालन करें।
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हर दिन सत्संग सुनें और नाम जप करें।
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मोबाइल, नशा, टीवी जैसी व्यर्थ चीज़ों से दूरी बनाएं।
🙏 निष्कर्ष
अगर आप या आपके आसपास कोई भी डिप्रेशन से ग्रस्त है, तो उसे एक बार सत्संग अवश्य सुनने के लिए प्रेरित करें। लाखों लोगों का जीवन बदला है, आपका भी बदल सकता है।
डिप्रेशन का इलाज दवा नहीं, सच्चा ज्ञान है।
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