इस दीपावली पर यह वीडियो जरूर देखें: संत रामपाल जी महाराज का संदेश



दीपावली, जिसे हम दिवाली भी कहते हैं, भारत का सबसे प्रमुख और लोकप्रिय त्योहार है। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय, बुराई पर अच्छाई की जीत और अज्ञानता पर ज्ञान की जीत का प्रतीक है। हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है। इस दिन लोग अपने घरों को दीपों, मोमबत्तियों और रंग-बिरंगे लाइट्स से सजाते हैं, मिठाइयाँ बाँटते हैं और पटाखे जलाते हैं। लेकिन क्या कभी सोचा है कि इस त्योहार का असली उद्देश्य क्या है? क्या केवल बाहरी रोशनी ही पर्याप्त है या हमें अपने भीतर भी प्रकाश फैलाने की आवश्यकता है?


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दीपावली का पारंपरिक महत्व

दीपावली का संबंध भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने से है, जब उन्होंने 14 वर्षों का वनवास पूरा किया था। अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में दीप जलाए थे। इसी तरह, यह त्योहार लक्ष्मी पूजन, गणेश पूजन और व्यापारिक वर्ष के आरंभ के रूप में भी मनाया जाता है। लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं।


आधुनिक दीपावली: दिखावे और प्रदूषण की ओर

समय के साथ दीपावली का स्वरूप बदल गया है। आजकल लोग पटाखों पर अधिक ध्यान देते हैं, जिससे वायु और ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है। दिखावे की होड़ में लोग खर्चीली सजावट और महंगी वस्तुएँ खरीदते हैं। इससे त्योहार का मूल उद्देश्य कहीं खो जाता है। ऐसे में संत रामपाल जी महाराज का संदेश और भी अधिक प्रासंगिक हो जाता है।


संत रामपाल जी महाराज का संदेश

संत रामपाल जी महाराज ने हमेशा समाज को सच्चे ज्ञान और आध्यात्मिकता की ओर प्रेरित किया है। उनका कहना है कि दीपावली केवल बाहरी दीप जलाने का पर्व नहीं है, बल्कि अपने भीतर के अंधकार को दूर करने का अवसर है। वे बताते हैं कि असली दीपावली तब मनाई जाती है जब इंसान अपने जीवन में सच्चे ज्ञान का दीप जलाता है।


1. आत्मज्ञान का दीप

संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, मनुष्य का जीवन तभी सार्थक है जब वह अपने वास्तविक उद्देश्य को समझे। वे कहते हैं कि आत्मा का उद्धार केवल सच्चे गुरु की शरण में जाकर ही संभव है। दीपावली के अवसर पर हमें अपने भीतर झाँकना चाहिए और यह विचार करना चाहिए कि क्या हम सही मार्ग पर हैं।


2. बुराइयों का नाश

दीपावली बुराइयों के नाश का प्रतीक है। संत रामपाल जी महाराज समझाते हैं कि असली बुराइयाँ हमारे भीतर हैं—जैसे क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार और ईर्ष्या। इन बुराइयों को दूर करने के लिए सच्चे संत की शरण और सत्संग आवश्यक है। वे बताते हैं कि केवल बाहरी पूजा-पाठ से कुछ नहीं होगा, जब तक हम अपने व्यवहार और सोच को नहीं बदलते।


3. सच्ची पूजा का महत्व

संत रामपाल जी महाराज ने वेद, गीता और अन्य धार्मिक ग्रंथों के आधार पर बताया है कि सच्ची पूजा वही है जो शास्त्रों के अनुसार हो। दीपावली के दिन लोग लक्ष्मी माता की पूजा करते हैं, लेकिन वेदों में लक्ष्मी पूजा का कोई उल्लेख नहीं है। वे कहते हैं कि हमें शास्त्रों के अनुसार पूजा करनी चाहिए और केवल सच्चे गुरु से दीक्षा लेकर ही मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है।


4. समाज में समरसता

दीपावली का एक और महत्वपूर्ण संदेश है—समाज में प्रेम, भाईचारा और समरसता फैलाना। संत रामपाल जी महाराज हमेशा समाज में जातिवाद, भेदभाव और अन्य सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाते हैं। वे कहते हैं कि सभी मनुष्य एक समान हैं और हमें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए।


संत रामपाल जी महाराज के वीडियो का महत्व

दीपावली के अवसर पर संत रामपाल जी महाराज के वीडियो देखने से न केवल आध्यात्मिक ज्ञान मिलता है, बल्कि जीवन को सही दिशा भी मिलती है। उनके प्रवचनों में वेद, गीता, पुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों के प्रमाणों के साथ बताया जाता है कि सच्चा धर्म क्या है और मोक्ष कैसे प्राप्त किया जा सकता है। उनके वीडियो में निम्नलिखित विषयों पर प्रकाश डाला गया है:

  • दीपावली का वास्तविक अर्थ
  • शास्त्रों के अनुसार पूजा-पद्धति
  • जीवन में सच्चे गुरु का महत्व
  • समाज में व्याप्त अंधविश्वासों का खंडन
  • आत्मा का उद्धार और मोक्ष का मार्ग

दीपावली पर संत रामपाल जी महाराज के कुछ प्रमुख उपदेश
  1. सच्चे गुरु की शरण में जाएँ: जीवन में सच्चे गुरु की आवश्यकता है, जो शास्त्रों के अनुसार मार्गदर्शन करें।
  2. शास्त्रों के अनुसार पूजा करें: किसी भी पूजा-पाठ या व्रत को शास्त्रों के अनुसार ही करें।
  3. बुराइयों का त्याग करें: अपने भीतर की बुराइयों को दूर करें और अच्छे कर्म करें।
  4. समाज में प्रेम और भाईचारा बढ़ाएँ: जातिवाद, भेदभाव और अन्य सामाजिक बुराइयों से दूर रहें।
  5. आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करें: सत्संग और प्रवचनों के माध्यम से सच्चा ज्ञान प्राप्त करें।

दीपावली का सही अर्थ: आत्मा का प्रकाश

दीपावली का असली अर्थ है—अपने भीतर के अंधकार को दूर करना और आत्मा को ज्ञान के प्रकाश से प्रकाशित करना। संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, जब तक मनुष्य सच्चे ज्ञान को नहीं अपनाता, तब तक उसका जीवन अधूरा है। वे कहते हैं कि सच्चा सुख, शांति और मोक्ष केवल सच्चे गुरु की शरण में जाकर ही प्राप्त किया जा सकता है।

संत रामपाल जी महाराज के सत्संग का लाभ

संत रामपाल जी महाराज के सत्संग में जाने से व्यक्ति को निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  • जीवन के उद्देश्य की समझ
  • बुराइयों से मुक्ति
  • सच्चे सुख और शांति की प्राप्ति
  • मोक्ष का मार्ग

उनके सत्संग में वेद, गीता, पुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों के प्रमाणों के साथ बताया जाता है कि सच्चा धर्म क्या है और मोक्ष कैसे प्राप्त किया जा सकता है।


निष्कर्ष

दीपावली केवल बाहरी दीप जलाने का पर्व नहीं है, बल्कि अपने भीतर के अंधकार को दूर करने का अवसर है। संत रामपाल जी महाराज का संदेश है कि सच्चा ज्ञान प्राप्त कर, सच्चे गुरु की शरण में जाकर ही जीवन को सार्थक बनाया जा सकता है। इस दीपावली पर संत रामपाल जी महाराज के वीडियो जरूर देखें और अपने जीवन को सच्चे अर्थों में प्रकाशित करें।

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