मानव जीवन का सबसे बड़ा प्रश्न यही है कि सच्चा भगवान कौन है और उसकी पहचान कैसे की जाए। हर धर्म, हर संप्रदाय और हर ग्रंथ में भगवान की महिमा का वर्णन मिलता है, लेकिन वास्तविकता को समझना हर किसी के लिए आसान नहीं होता। संत रामपाल जी महाराज ने अपने सत्संग और ग्रंथों के आधार पर इस रहस्य को स्पष्ट किया है कि सच्चा भगवान कौन है, कहाँ रहता है और उसकी पहचान कैसे की जा सकती है।
भगवान की खोज का महत्व
मनुष्य जन्म केवल खाने, पीने और सांसारिक सुखों के लिए नहीं मिला है। यह जीवन आत्मा की मुक्ति और परमात्मा की प्राप्ति के लिए है। जब तक जीव सच्चे भगवान को नहीं पहचानता, तब तक वह जन्म-मरण के चक्र से मुक्त नहीं हो सकता। इसलिए यह जानना अत्यंत आवश्यक है कि सच्चा भगवान कौन है।
धार्मिक ग्रंथों में भगवान का वर्णन
- वेदों में – ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद में उस परमेश्वर का उल्लेख है जो सर्वशक्तिमान है, जो अजन्मा है और जो सबका पालनहार है।
- गीता में – श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 15 श्लोक 16-17 में दो प्रकार के पुरुष बताए गए हैं – क्षर और अक्षर। लेकिन तीसरे श्लोक में "परम पुरुष" का उल्लेख है, जो सबका पालन करता है और वही सर्वोच्च भगवान है।
- पुराणों में – शिवपुराण, विष्णुपुराण और देवीभागवत में भी उस परमेश्वर का उल्लेख है जो सबका पिता है और जो अपने भक्तों को मोक्ष प्रदान करता है।
- कुरान और बाइबिल में – कुरान शरीफ में "अल्लाह ताला" का वर्णन है जो ऊपर सातवें आसमान से भी ऊपर अपने निज धाम में रहता है। बाइबिल में भी "सुप्रीम गॉड" का उल्लेख है।
इन सभी ग्रंथों में एक ही परमेश्वर का वर्णन है, जिसे संत रामपाल जी ने "कबीर परमेश्वर" के रूप में स्पष्ट किया है
संत रामपाल जी का दृष्टिकोण
संत रामपाल जी महाराज ने अपने प्रवचनों में बताया है कि सच्चा भगवान कबीर साहेब हैं। कबीर जी ने 600 साल पहले काशी में प्रकट होकर यह सिद्ध किया कि वे ही सृष्टि के रचयिता हैं। उन्होंने अपने वचनों और चमत्कारों से यह प्रमाणित किया कि वे ही वह परमेश्वर हैं जिनका वर्णन वेद, गीता, कुरान और बाइबिल में है।
कबीर साहेब की विशेषताएँ
- वे जन्म और मृत्यु से परे हैं।
- वे निराकार नहीं बल्कि साकार हैं।
- वे अपने भक्तों को नाम दीक्षा देकर मोक्ष प्रदान करते हैं।
- वे अपने धाम सतलोक में रहते हैं, जहाँ अमरता और आनंद है।
सच्चे भगवान की पहचान
संत रामपाल जी ने बताया कि सच्चे भगवान की पहचान निम्नलिखित है:
- वह सर्वशक्तिमान है और किसी से डरता नहीं।
- वह अपने भक्तों को वास्तविक ज्ञान देता है।
- वह अपने भक्तों को जन्म-मरण से मुक्त करता है।
- उसके द्वारा दिया गया नामजप और साधना शास्त्रों के अनुसार होती है।
- वह अपने धाम सतलोक का वर्णन करता है और वहाँ ले जाने की गारंटी देता है।
कबीर परमेश्वर के प्रमाण
- वेदों से प्रमाण – ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 82 मंत्र 1 में कहा गया है कि परमेश्वर कवि है और वह अपने वचनों से सृष्टि का संचालन करता है।
- गीता से प्रमाण – गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा गया है कि उस परमेश्वर की शरण में जाओ, जिसकी कृपा से परम शांति और सनातन धाम की प्राप्ति होगी।
- कुरान से प्रमाण – कुरान शरीफ सूरा फरकान 25:52-59 में कहा गया है कि वह खुदा जिसने छः दिन में सृष्टि बनाई और फिर अपने सिंहासन पर विराजमान हुआ, वही सच्चा मालिक है।
- बाइबिल से प्रमाण – बाइबिल में "गॉड सिट्स ऑन HIS THRONE ABOVE THE HEAVENS" का उल्लेख है।
इन सभी प्रमाणों से स्पष्ट होता है कि सच्चा भगवान कबीर साहेब ही हैं।
संत रामपाल जी का योगदान
संत रामपाल जी ने शास्त्रों के आधार पर यह सिद्ध किया कि आज तक जो पूजा-पद्धतियाँ प्रचलित थीं, वे अधूरी और गलत थीं। उन्होंने बताया कि:
- मूर्ति पूजा शास्त्रविरुद्ध है।
- काल (झूठा देव) की पूजा से मुक्ति नहीं मिलती।
- केवल कबीर परमेश्वर की भक्ति से ही मोक्ष संभव है।
- सही साधना वही है जो गुरु शास्त्रों के अनुसार देता है।
सतलोक का वर्णन
सतलोक वह अमर धाम है जहाँ न जन्म है, न मृत्यु, न दुख है और न ही कोई कमी। वहाँ केवल आनंद, शांति और अमरता है। कबीर परमेश्वर अपने भक्तों को सतलोक ले जाते हैं।
निष्कर्ष
सच्चा भगवान वही है जो सर्वशक्तिमान है, जो सृष्टि का रचयिता है और जो अपने भक्तों को मोक्ष प्रदान करता है। संत रामपाल जी महाराज ने यह रहस्य खोल दिया है कि वह परमेश्वर कबीर साहेब हैं। वे ही सच्चे भगवान हैं, जिनकी भक्ति से आत्मा को अमर धाम सतलोक की प्राप्ति होती है।
अंतिम संदेश
मानव जीवन का उद्देश्य केवल सांसारिक सुख नहीं बल्कि परमात्मा की प्राप्ति है। संत रामपाल जी द्वारा बताए गए मार्ग पर चलकर ही सच्चे भगवान की पहचान और मोक्ष संभव है।
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