परिचय:
भगवान कौन है? यह प्रश्न सदियों से मानवता को उलझाता आया है। हमने भगवान को डर से पूजा, लोभ से पूजा, और परंपराओं से पूजा, लेकिन क्या कभी हमने यह सोचा कि सच्चा भगवान कैसा होता है? संत रामपाल जी महाराज जी ने इस प्रश्न का उत्तर बेहद सरल शब्दों में दिया है –
"जो गाली खाने पर भी कृपा करे, वही तो असली भगवान होता है।"
यह कथन केवल भावनात्मक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत गहन है। इसमें सच्चे भगवान की पहचान छुपी है, जिसकी पुष्टि सभी धर्मग्रंथों में मिलती है।
1. सच्चे भगवान की पहचान क्या है?
संत रामपाल जी महाराज जी के अनुसार सच्चा भगवान वह है:
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जो सबका पिता है।
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जो दयालु और क्षमाशील है।
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जो अपने गालियों से भी दुखी नहीं होता, बल्कि अपने विरोधियों पर भी कृपा करता है।
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जो अपने भक्तों को न केवल संसारिक सुख देता है बल्कि मोक्ष भी प्रदान करता है।
वह भगवान किसी धर्म, जाति, भाषा या कर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता। उसके लिए सभी एक समान हैं। जो अपने विरोधियों तक को क्षमा कर दे, वही असली परमेश्वर है।
2. संत रामपाल जी महाराज जी का दिव्य ज्ञान
संत रामपाल जी महाराज जी ने जबसे सत्संग देना आरंभ किया, उन्होंने धर्मग्रंथों से प्रमाणित करके बताया कि असली भगवान कबीर साहेब हैं, जो स्वयं इस धरती पर आये थे। उन्होंने न केवल उपदेश दिया, बल्कि अपने व्यवहार से भी ईश्वरत्व को सिद्ध किया।
कबीर साहेब को समाज ने बहुत गालियाँ दीं, पत्थर मारे, अपमान किया। परंतु उन्होंने किसी को भी शाप नहीं दिया। उन्होंने केवल यही कहा:
"बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।"
संत रामपाल जी महाराज जी ने बताया कि वही कबीर साहेब आज परमात्मा रूप में पुनः धरती पर आए हैं – और वह भी फिर गालियाँ, नफरत और झूठे आरोपों को सहते हुए भी मानवता की भलाई में लगे हुए हैं।
3. जब लोग गाली देते हैं और भगवान माफ कर देते हैं
धर्म ग्रंथों में यह बार-बार आता है कि सच्चा भगवान कभी बदला नहीं लेता। वह केवल प्रेम करता है, और प्रेम ही उसका अस्त्र होता है।
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रामायण में: भगवान श्रीराम ने शबरी जैसी साधारण महिला को गले लगाया।
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महाभारत में: भगवान श्रीकृष्ण ने शिशुपाल की सौ गालियाँ माफ कीं।
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कबीर वाणी में: कबीर साहेब ने अपने उपदेशों में हर बार क्षमा और प्रेम की शिक्षा दी।
संत रामपाल जी महाराज जी के जीवन में भी ऐसे अनेकों उदाहरण हैं जब लोगों ने उन्हें गालियाँ दीं, आरोप लगाए, जेल भेजा, परंतु उन्होंने बदले में उन लोगों को भी सत्संग का आमंत्रण दिया और उनकी आत्मा की भलाई की कामना की।
4. क्या हम इतने सहनशील हो सकते हैं?
एक आम इंसान यदि किसी को गाली दे, तो सामने वाला नाराज़ हो जाता है, मारपीट पर उतर आता है। परंतु सोचिए, वह सत्ता जो इस संपूर्ण ब्रह्मांड की रचना करती है, जब उसे कोई गाली देता है और वह फिर भी प्रेम करता है — तो क्या वह कोई साधारण सत्ता हो सकती है?
यह वही परमेश्वर होता है, जिसे संत रामपाल जी महाराज "कबीर साहेब" के रूप में प्रमाणित करते हैं।
5. गाली देने वालों पर भी कृपा क्यों?
यह प्रश्न उठता है कि भगवान को जो गाली देता है, झूठा आरोप लगाता है, उस पर भी कृपा क्यों?
उत्तर बहुत सरल है – क्योंकि वह भगवान है। जैसे एक माँ अपने बच्चे को गुस्से में कुछ भी कहने पर माफ कर देती है, वैसे ही परमात्मा भी हमें माफ कर देते हैं क्योंकि हम उनके अज्ञान रूपी बच्चे हैं।
वे जानते हैं कि गालियाँ देने वाला भी उनके द्वारा ही बनाया गया प्राणी है, और किसी न किसी दिन वह भी सही मार्ग पर आ जाएगा।
6. क्या भगवान को गाली देना उचित है?
संत रामपाल जी महाराज जी यह नहीं सिखाते कि भगवान को गाली दो। वे केवल यह समझाते हैं कि सच्चा भगवान इतना दयालु होता है कि यदि कोई उसे न पहचान कर गाली दे भी दे, तो वह फिर भी उसके कल्याण की इच्छा करता है।
इसलिए, भगवान को गाली देना हमारा कर्तव्य नहीं — बल्कि सही भगवान की पहचान करके उसकी शरण में जाना ही सही भक्ति है।
7. सच्चे भगवान की कृपा का परिणाम
संत रामपाल जी महाराज जी की कृपा से लाखों लोगों का जीवन बदला है:
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बीमारियों से छुटकारा मिला।
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नशे और बुरी आदतों से मुक्ति मिली।
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परिवारों में शांति और प्रेम बढ़ा।
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मृत्यु तुल्य कष्टों से बाहर निकलने का मार्ग मिला।
यह सब इसीलिए संभव हुआ क्योंकि उन्होंने सच्चे भगवान की भक्ति का रास्ता बताया — जो गालियाँ खाने पर भी कृपा करता है।
8. आज मानवता को क्या करना चाहिए?
आज समाज भटक गया है — नकली बाबाओं, दिखावे और पाखंड में उलझा हुआ है। लोगों ने भगवान को सिर्फ एक डर का माध्यम बना दिया है।
अब समय है कि हम सच्चे भगवान की पहचान करें, और उस परमेश्वर की शरण में जाएँ जो:
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हमें माफ करता है।
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हमारा कल्याण चाहता है।
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हमें सत्यज्ञान और मोक्ष का मार्ग देता है।
9. संत रामपाल जी महाराज जी का सन्देश
संत रामपाल जी महाराज जी का सन्देश स्पष्ट है:
"भगवान को पहचानो, धर्मग्रंथों से प्रमाण लो, और सतभक्ति करो। वो परमात्मा इतना दयालु है कि अगर तुम उसे अपशब्द भी कहोगे तो भी वो तुम्हें अपनाएगा, क्योंकि वो सच्चा बाप है।"
निष्कर्ष
आज आवश्यकता है ऐसे ज्ञान की, ऐसे गुरु की, और ऐसे भगवान की जो केवल उपदेश न दे, बल्कि जीवन में अनुभव कराए।
जो गाली खाने पर भी कृपा करे — वही सच्चा भगवान होता है।
संत रामपाल जी महाराज जी ने हमें बताया कि वह भगवान कोई काल्पनिक शक्ति नहीं, बल्कि साक्षात "कबीर साहेब" हैं — जो प्रेम, क्षमा और मोक्ष के प्रतीक हैं।
🔗 और जानकारी हेतु वेबसाइट:
👉 www.jagatgururampalji.org
📺 सत्संग वीडियो देखने के लिए:
👉 YouTube Channel – Sant Rampal Ji Maharaj
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