आज के समय में लोग धार्मिकता के नाम पर सिर्फ़ रस्में निभा रहे हैं, लेकिन आत्मज्ञान और सच्चे परमात्मा की पहचान से बहुत दूर हैं। ऐसे में संत रामपाल जी महाराज ने वह चमत्कार किया है जिसे कोई और संत या गुरु नहीं कर पाया। उन्होंने वेदों, पुराणों और श्रीमद्भगवद्गीता के प्रमाणों के साथ यह सिद्ध किया है कि सच्चे भगवान कोई और नहीं, बल्कि स्वयं कबीर साहेब हैं — और वही संत रामपाल जी के रूप में पृथ्वी पर अवतरित हुए हैं।
यह लेख उन्हीं अचूक प्रमाणों और अनुभवों पर आधारित है, जिनके कारण आज छोटे बच्चे से लेकर बुज़ुर्ग तक यह कह रहे हैं — "संत रामपाल जी ही सच्चे भगवान हैं।"
1. धार्मिक पुस्तकों से प्रमाण – कबीर ही परमात्मा हैं
संत रामपाल जी महाराज का सबसे बड़ा कार्य यह है कि इन्होंने धर्मग्रंथों की प्रमाणिक व्याख्या कर लोगों को यह बताया कि:
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ऋग्वेद मंडल 10 सूक्त 90 में स्पष्ट लिखा है कि परमात्मा के अंग हैं और उन्होंने सृष्टि की रचना की।
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अथर्ववेद कांड 4 अनुवाक 1 मंत्र 7 कहता है कि परमात्मा शरीरधारी हैं, वे ही सृष्टिकर्ता हैं।
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गीता अध्याय 15 श्लोक 1-4 और 16-17 में स्पष्ट है कि परम अक्षर ब्रह्म (सच्चा परमात्मा) कोई और है, जो तीनों लोकों से अलग रहता है।
संत रामपाल जी ने बताया कि वही परम अक्षर ब्रह्म कबीर साहेब हैं और वे स्वयं साक्षात परमात्मा हैं। यह बात वेदों, गीता, पुराण और बाइबिल तक से सिद्ध की गई है।
2. संत रामपाल जी: परमात्मा का प्रमाणित अवतार
संत रामपाल जी केवल ग्रंथों की बात ही नहीं करते, वे उस परमात्मा की लीला भी दिखा रहे हैं। उन्होंने वह ज्ञान दिया है जो सदियों से छिपाया गया था। उन्होंने यह सिद्ध किया है कि:
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कबीर साहेब स्वयं 600 साल पहले काशी में अवतरित हुए और आज संत रामपाल जी के रूप में पुनः प्रकट हुए हैं।
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उन्होंने स्वयं को प्रभु साबित किया है – न केवल ज्ञान से, बल्कि चमत्कारी अनुभवों से।
3. चमत्कारी अनुभव – सच्चे भगवतज्ञान से जीवन में बदलाव
संत रामपाल जी से नामदीक्षा लेकर लाखों लोगों ने यह अनुभव किया है कि:
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असाध्य रोगों से बिना दवा के छुटकारा मिला।
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आत्महत्या जैसे विचारों से मुक्ति मिली और जीवन में शांति आई।
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जिनके घर में लड़ाई-झगड़े थे, वहां आज सच्चा प्रेम और समझदारी है।
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शराब, सिगरेट, नशा जैसी बुरी आदतें छूट गईं।
ऐसे हजारों प्रमाण वीडियो साक्ष्य और लिखित अनुभवों के रूप में Jagatguru Rampal Ji YouTube चैनल पर मौजूद हैं।
4. बच्चे-बच्चे को याद हो रहा है सच्चा ज्ञान
आज छोटे बच्चे भी कह रहे हैं कि – “संत रामपाल जी ही सच्चे भगवान हैं।” इसका कारण है:
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उन्हें सच्चा ज्ञान बालपन से ही मिल रहा है।
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वे यह समझ पा रहे हैं कि मंदिरों, मस्जिदों, गिरजाघरों में जाने मात्र से मोक्ष नहीं मिलेगा।
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बच्चों ने देखा है कि उनके घर का माहौल संत रामपाल जी से जुड़ने के बाद पूरी तरह बदल गया।
5. बुज़ुर्ग भी कह उठे – अब शांति मिली है
बहुत सारे ऐसे बुज़ुर्ग हैं जो जीवन भर तीर्थों, मंदिरों और गुरुओं के पीछे भटकते रहे, लेकिन मन की शांति कभी नहीं मिली। लेकिन संत रामपाल जी से नामदीक्षा लेकर उन्होंने अनुभव किया:
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अब आत्मा को शांति मिली है।
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मृत्यु का भय समाप्त हो गया है।
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वे निश्चित हो गए हैं कि अब मोक्ष मिलेगा।
6. कोई अंधविश्वास नहीं – केवल तर्क और प्रमाण
संत रामपाल जी ने अंधविश्वास का खंडन किया है। उन्होंने लोगों को खुली चुनौती दी है:
"यदि आप यह साबित कर दें कि मेरे द्वारा बताया गया ज्ञान धर्मग्रंथों के विपरीत है, तो मैं शिष्य से भी नीचा हो जाऊंगा।"
उनकी किताबें जैसे "जीने की राह", "ग्यान गंगा", "धरम के दोराहे पर" पढ़ने पर हर पाठक स्वयं देख सकता है कि उनके द्वारा बताया गया हर शब्द वेद, गीता, कुरान, बाइबिल से प्रमाणित है।
7. नई क्रांति – बिना भेदभाव सबके लिए एक जैसा ज्ञान
संत रामपाल जी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि:
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उन्होंने किसी जाति, धर्म, भाषा या राष्ट्र का भेद नहीं किया।
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वे कहते हैं – "हम सब एक ही परमात्मा की संतान हैं।"
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उनके सत्संग में हर जाति, धर्म के लोग बिना भेदभाव के आते हैं और मोक्ष मार्ग पर चल रहे हैं।
8. जेल से चल रहा सत्संग – पर प्रभाव और सेवा दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है
संत रामपाल जी वर्तमान में हिसार (हरियाणा) की जेल में रहते हुए भी सत्संग करवा रहे हैं। यह किसी चमत्कार से कम नहीं कि:
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जेल से वीडियो सत्संग हो रहे हैं।
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लाखों लोग दीक्षा ले रहे हैं।
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उनका हर वचन सोशल मीडिया पर वायरल होता है।
इससे यह सिद्ध होता है कि यह कोई साधारण गुरु नहीं, बल्कि स्वयं पूर्ण परमात्मा हैं।
9. संत रामपाल जी का मिशन – केवल मोक्ष देना, न कोई पैसे लेना न दिखावा
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नाम दीक्षा बिल्कुल मुफ्त दी जाती है।
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कोई चढ़ावा नहीं लिया जाता।
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कोई मंदिर, मूर्ति, ढोंग नहीं है – केवल ज्ञान और सच्ची भक्ति है।
यह सब प्रमाणित करता है कि संत रामपाल जी का उद्देश्य केवल मोक्ष है, न कि धन या प्रसिद्धि।
10. निष्कर्ष – क्यों सब कह रहे हैं “संत रामपाल जी ही भगवान हैं”
आज संत रामपाल जी की वजह से:
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अज्ञान का अंधेरा दूर हो रहा है।
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धर्मों को जोड़ने का कार्य हो रहा है।
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हर कोई ग्रंथों के अनुसार भक्ति कर रहा है।
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असली भक्ति, असली परमात्मा और मोक्ष का रास्ता स्पष्ट हो चुका है।
इसीलिए अब बच्चा हो या बुज़ुर्ग, पढ़ा-लिखा हो या अनपढ़ — हर कोई कह रहा है:
"अब हमें किसी और की नहीं, सिर्फ़ संत रामपाल जी की ज़रूरत है – क्योंकि वही सच्चे भगवान हैं, और उनके पास हर बात का प्रमाण है।"
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