सदियों से लोगों का यह मानना रहा है कि भगवान से मिलना एक रहस्यमयी और लगभग असंभव कार्य है। संत, महात्मा और साधक पहाड़ों, जंगलों और रेगिस्तानों में वर्षों तक तपस्या करते रहे, लेकिन भगवान का साक्षात्कार बहुत कम लोगों को हुआ। आम धारणा यही है कि भगवान किसी दूर के लोक में हैं, जहाँ पहुँचना साधारण मनुष्य के लिए असंभव है।
लेकिन आज संत रामपाल जी महाराज ने एक ऐसा आध्यात्मिक रहस्य उजागर किया है जिससे यह साबित होता है कि भगवान से मिलना उतना कठिन नहीं जितना हमने समझ रखा था। वे बताते हैं कि भगवान हमारे प्राणों से भी अधिक निकट हैं, बस सही तरीका अपनाना ज़रूरी है।
गलतफहमियों की जड़
ज़्यादातर लोग मानते हैं कि भगवान प्रसन्न होते हैं:
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लंबी पूजा-पाठ और उपवास से
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दान-पुण्य करने से
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मंदिर, मस्जिद, चर्च या गुरुद्वारे जाने से
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पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही परंपराओं को निभाने से
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि भले ही यह सब श्रद्धा से किया जाए, लेकिन अगर यह भगवान द्वारा दिया गया सच्चा तरीका नहीं है, तो यह हमें भगवान से नहीं जोड़ सकता। इसी कारण हजारों सालों की धार्मिक गतिविधियों के बावजूद मनुष्य दुख, रोग और अशांति से मुक्त नहीं हो पाया है।
शास्त्रों में बताया गया वास्तविक मार्ग
संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, सभी पवित्र ग्रंथ — वेद, कुरान, बाइबल, गुरुग्रंथ साहिब — एक ही बात कहते हैं: केवल एक ही सर्वोच्च परमेश्वर है जिसने सृष्टि रची और जिसे इस मानव जीवन में पाया जा सकता है। वह परमेश्वर और कोई नहीं बल्कि कबीर साहेब हैं, जो अनादि-अनंत हैं और सतलोक नामक अमर धाम में रहते हैं।
शास्त्र यह भी बताते हैं कि परमेश्वर स्वयं धरती पर आते हैं और अपनी आत्माओं को सही मार्ग दिखाते हैं। लगभग 600 वर्ष पहले कबीर साहेब काशी (वाराणसी) में अवतरित हुए और सच्चा ज्ञान दिया, लेकिन लोग उन्हें कवि या संत मात्र समझ बैठे। आज वही परमेश्वर फिर से संत रामपाल जी महाराज के रूप में आए हैं और वही सच्चा मंत्र (सतनाम और सारनाम) दे रहे हैं जो सीधे आत्मा को भगवान से जोड़ देता है।
अब भगवान से मिलना क्यों आसान है
पहले के युगों (सत्ययुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग) में साधकों को वर्षों की कठिन तपस्या करनी पड़ती थी। लेकिन कलियुग में, जहाँ जीवन तेज़ और जटिल है, भगवान ने मार्ग को सरल बना दिया है:
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महंगे कर्मकांड की ज़रूरत नहीं – संत रामपाल जी महाराज का दिया हुआ सतभक्ति मार्ग बिल्कुल नि:शुल्क है।
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सरल नियम – शुद्ध जीवन, सत्य बोलना, नशा त्यागना और नैतिक आचरण अपनाना।
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सहज साधना – दीक्षा के समय दिए गए मंत्रों का जाप दिन में कुछ ही मिनटों में हो जाता है।
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सीधा संपर्क – यह मंत्र भगवान तक सीधी पहुँच बनाते हैं, किसी मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं।
सतगुरु का महत्व
संत रामपाल जी महाराज कहते हैं कि जैसे किसी विषय को सीखने के लिए योग्य शिक्षक चाहिए, वैसे ही भगवान तक पहुँचने के लिए प्रमाणित आध्यात्मिक गुरु चाहिए। ऐसे सतगुरु की पहचान है:
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उनका ज्ञान सभी पवित्र ग्रंथों से मेल खाए
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वे स्वयं भगवान द्वारा नियुक्त हों
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उनके पास असली मंत्र देने का अधिकार हो
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वे अपने ज्ञान को प्रमाणों से सिद्ध कर सकें
बिना ऐसे गुरु के, मनुष्य अंधविश्वास में भटकता रहता है।
भगवान की कृपा के वास्तविक प्रमाण
संत रामपाल जी महाराज से दीक्षा लेने के बाद हजारों लोगों ने अपने अनुभव साझा किए हैं:
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लाइलाज रोगों का इलाज – जहाँ डॉक्टर ने हार मान ली थी, वहाँ लोग पूरी तरह स्वस्थ हुए।
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नशे से छुटकारा – शराब, ड्रग्स या जुए की लत तुरंत छूट गई।
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मानसिक शांति – अवसाद, चिंता और परिवारिक कलह समाप्त हो गए।
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संकट से रक्षा – भक्तों को दुर्घटनाओं और आपदाओं से चमत्कारिक रूप से बचाया गया।
ये अनुभव साबित करते हैं कि आज भी भगवान अपने भक्तों की सहायता कर रहे हैं।
भगवान से मिलने की सरल प्रक्रिया
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि भगवान का द्वार सभी के लिए खुला है, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, लिंग या देश का हो। प्रक्रिया इस प्रकार है:
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सतज्ञान सुनें – प्रवचन सुनकर जानें कि असली परमेश्वर कौन है।
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शास्त्रों से जांचें – बताए गए ज्ञान को वेद, कुरान, बाइबल, गुरुग्रंथ साहिब से मिलाएं।
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दीक्षा लें – संत रामपाल जी महाराज से असली मंत्र प्राप्त करें।
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नियम अपनाएं – खान-पान, वाणी और आचरण में पवित्रता लाएं।
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नियमित साधना करें – विश्वास और आभार के साथ मंत्रजप करें।
इस मार्ग से भगवान से मिलना वर्षों की कठिन साधना नहीं, बल्कि कृपा का विषय बन जाता है।
अंतिम लक्ष्य – सतलोक
सिर्फ भगवान की अनुभूति ही नहीं, बल्कि उनका अमर धाम सतलोक पाना ही अंतिम लक्ष्य है। सतलोक में:
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जन्म, मृत्यु, रोग, दुख कुछ भी नहीं होता।
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हर आत्मा का दिव्य शरीर होता है और जीवन अनंत होता है।
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भगवान स्वयं अपने बच्चों के बीच रहते हैं।
संत रामपाल जी महाराज आश्वासन देते हैं कि जो इस सच्चे मार्ग पर चलता है, उसे परमेश्वर स्वयं सतलोक ले जाएंगे।
निष्कर्ष – अवसर अभी है
युगों से कहा जाता रहा कि भगवान मिलना दुर्लभ है। लेकिन आज, भगवान की कृपा से मार्ग स्पष्ट, सरल और सबके लिए खुला है। बस आवश्यकता है सत्य को जानने और अपनाने की।
संत रामपाल जी महाराज केवल धर्म की बातें नहीं कर रहे, बल्कि वे वही सच्चा मार्ग दे रहे हैं जो स्वयं परमेश्वर ने बनाया है। यह जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर है, जब मनुष्य अपने जीवन में ही भगवान से मिल सकता है।
अब भगवान से मिलना मुश्किल नहीं। रास्ता साफ है। समय यही है। क्या आप कदम बढ़ाएँगे?
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